The best Side of Shodashi

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The ability place in the midst of the Chakra shows the highest, the invisible, and also the elusive center from which your complete figure Bhandasura and cosmos have emerged.

The Sri Yantra, her geometric illustration, is a fancy image of the universe along with the divine feminine Power. It is made of 9 interlocking triangles that radiate out from your central stage, the bindu, which symbolizes the origin of creation along with the Goddess herself.

आस्थायास्त्र-वरोल्लसत्-कर-पयोजाताभिरध्यासितम् ।

सर्वानन्द-मयेन मध्य-विलसच्छ्री-विनदुनाऽलङ्कृतम् ।

The supremely lovely Shodashi is united in the guts of your infinite consciousness of Shiva. She removes darkness and bestows mild. 

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।

Worshipping Goddess Shodashi is not merely about seeking substance Positive aspects but also with regards to the internal transformation and realization of the self.

They were also blessings to get materialistic blessings from diverse Gods and Goddesses. For his consort Goddess, he enlightened human beings Along with the Shreechakra and so check here that you can activate it, just one needs to chant the Shodashakshari Mantra, and that is often called the Shodashi mantra. It is claimed to become equivalent to many of the sixty four Chakras place together, coupled with their Mantras.

लब्ध-प्रोज्ज्वल-यौवनाभिरभितोऽनङ्ग-प्रसूनादिभिः

चक्रे बाह्य-दशारके विलसितं देव्या पूर-श्र्याख्यया

श्रीगुहान्वयसौवर्णदीपिका दिशतु श्रियम् ॥१७॥

तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में भी इस साधना को सम्पन्न नहीं कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न कर सकते है।

The one who does this Sadhana results in being like Cupid (Shodashi Mahavidya). He's transformed right into a rich, well-known among the Girls and blessed with son. He will get the quality of hypnotism and achieves the self ability.

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